SC ST,OBC को पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे में सीएम से मुलाकात

प्रमोशन में आरक्षण की मांग ने पकड़ा जोर -विधानसभा उपाध्यक्ष  मनोज मांडवी के साथ संसदीय सचिव के  प्रतिनिधि मंडल ने CM से की मुलकात 

छत्तीसगढ़ में पदोन्नति में SC /ST,OBC आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से जोर पकड़ने लगा है। इसी सिलसिले में विधानसभा उपाध्यक्ष  मांडवी के साथ संसदीय सचिव की एक प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से मुलाकात की । और sc st obc को पदोन्नति में आरक्षण देने की मांग रखी। 

PRAMOTION ME ARAKSHAN

विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मांडवी के साथ संसदीय सचिव की एक प्रतिनिधिमंडल जिसमे शिशुपाल शोरी ,इन्द्रसाह मांडवी चन्द्रदेवराय ,और गुरुदयाल सिंह बंजारे शामिल थे।  प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री जी से शासकीय सेवा में   पदोन्नति में SC ,ST ,OBC को आरक्षण  देने की मांग राखी। 

पढ़ें -छत्तीसगढ़ शासकीय सेवा पदोन्नति नियम 2003 

ज्ञात हो की छत्तीसगढ़ में 2019 से पदोन्नति में आरक्षण का मामला हाई कोर्ट में चलरहा है। उच्च न्यायालय ने पदोन्नति में  आरक्षण का प्रावधान करने वाले छत्तीसगढ़ लोक सेवा पदोन्नति नियम 2003 के धारा 5 को ख़ारिज कर दिया था।   इसके लिए अदालत ने जनरैल सिंह और एम नागराजन के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को आधार बनाया था। 

कोर्ट ने सरकार को एम नागराजन के फ्रेमवर्क पर कार्य करने को कहा था जिसके बाद नया नियम बनाने का प्रावधान किया था। परन्तु सरकार ऐसा न करके अनुसूचित जाति (SC) का आरक्षण 12 से बढाकर 13 प्रतिशत करने का अधिसूचना जारी कर दिया। जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई और इस पर रोक लगा दिया गया।  इसके बाद उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया की सामान्य पदोन्नति में किसी प्रकार की रोक नहीं है। जल्द ही राज्य सरकार पदोन्नति में आरक्षण  बचाव पर अपना पक्ष जल्दी रखने वाली है।  

  क्या है एम् नागराजन मामला 

एम नागराजन SCST  पदोन्नति में आरक्षण के मामले को कोर्ट में चुनौती दी थी। इस ऐतिहासिक फैसले मे पदोन्नति में आरक्षण के लिए कुछ अहम फैसले लिए गए।  जिसमे सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के पीठ ने फैसला दिया था की सरकारी नौकरी में SC/STअनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति को  पदोन्नति में आरक्षण संविधान के अनुच्छेद 16 (4)और अनुच्छेद 16 (4 ख) के तहत पदोन्नति में आरक्षण  दिया जा सकता है। इसके लिए सरकार को कुछ शर्तो  पूरा करना होगा।  राज्य सरकार द्वारा SC/ST पिछड़ेपन की अकड़ा प्रस्तुत करेगा। सरकारी नौकरी में उनका अपर्याप्त  प्रतिनिधित्व के बारे में जानकारी मुहैया कराएगी। आरक्षण का अघिकतम सीमा 50 प्रतिशत होना चाहिए।  

प्रमोशन में आरक्षण कब से  -

प्रमोशन में आरक्षण 1955 से संविधान के 77 वां संसोधन में लाया गया था इसमें अनुच्छेद 16 में (4 ए) जोड़ा गया जिसके तहत SC, ST  (अनुसूचित जाति ,अनुसुचितजन जाति) को सरकारी नौकरी में पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान किया  गया।  इसके बाद से प्रमोशन में आरक्षण दिया जा रहा था।  

   ये भी पढ़ें -

👉आज से शिक्षा सत्र 2021-22 प्रारम्भ शालाओं में शिक्षकों की उपस्थित अनिवार्य 

👉 -शिक्षकों की शाला में उपस्थिति हेतु आदेश जारी

👉-छत्तीसगढ़ राज्य परियोजना कार्यालयसमग्र शिक्षा से आदेश जारी ,आगामी सत्र से होगी रेगुलर पढाई

Post a Comment

Previous Post Next Post