CG शिक्षक भर्ती - 8000 चयनित शिक्षकों को सता रहा बेरोजगारी का डर...भर्ती प्रक्रिया अटकी

 cgreporter.com रायपुर - छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती  एक बार फिर  से चयनित शिक्षकों को बेरोजारी का डर सताने लगा है।  गौर तलब हो की राज्य में 14580 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए नियुक्ति पत्र भी जारी किया था।  जिसमे आज तक लगभग 6500 शिक्षकों  की भर्ती पूर्ण हो चूका है वही लगभग 8000 चयनित शिक्षक  आज भी हाथ में नियुक्ति पत्र लिए बेरोजगारी का डंस झेल रहे है। 

अब चयनित शिक्षको को बेरोजगारी का डर सताने लगा है।  क्योकि नियुक्ति के लिए महज 8 दिन की समय सीमा ही बचा हुआ है। इसके इनकी चिंताए बढती जा रही है।  इसी को लेकर चयनित शिक्षकों ने स्कूल शिक्षक मंत्री प्रेम सिंह टेकाम के बंगले का घेराव किया। और अपनी ओर ध्यान आकर्षित कराया।  इसी दौरान कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ,और उद्योग मंत्री कवासी लखमा को भी ज्ञापन सौप कर अपना ध्यान आकर्षित कराया। 

चयनित शिक्षकों की चिंता इस लिए ज्यादा बढ़ी हुए है की 20 नवम्बर को भर्ती प्रक्रिया की अंतिम तिथि है। हाथ में नियुक्ति पत्र लिए हुए भी कही बेरोजगार न हो जाएँ।  इस लिए चयनित शिक्षकों को पदस्थापना दे। उन्होंने मांग किया की भर्ती डेट बढ़ाया जाए।

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इस कारण लगा था रोक 

भर्ती प्रक्रिया में रोक  लगाने का कारण ctet (केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) का रिजल्ट लेट से आने का कारण है।  चयनित अभ्यर्थी का ctet रिजल्ट2020 में  शिक्षक परीक्षा के बाद आने के कारण उन्हें अयोग्य कर दिया गया था।  

चयनित शिक्षकों की मांग है की पदस्थापना दिया जाये क्योंकि अब इंतिजार बहुत हो गया। अब बेरोजगारी की मार नहीं सहा जा रहा ऊपर से महगाई से परेशान घर चलना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने आरोप लगते हुए कहा की अधिकारीयों द्वारा अपनी गलती छुपाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है।  

राज्य सरकार  परीक्षा परिणाम की वैधता 6 माह के लिए बढ़ाई ,-सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती परीक्षा परिणाम की वैधता बढ़ाई इसमें अब परीक्षा परिणाम जून 2022 तक वैद्य माना जायेगा। इससे पहले राज्य राज्य सरकार द्वारा 1 वर्ष के लिए बढ़ाया गया था।  इसके  सरकार द्वारा आदेश जारी कर दिया  गया है। 

इस कारण बढ़ाया गया परीक्षा परिणाम की वैधता - 

व्यापम द्वारा भर्ती की परीक्षा ली  थी जिसका परीक्षा  जारी किया गया जिसमे इंजीयरिंग के छात्रों द्वारा आवेदन किया गया  था। बाद में इंजीयरिंग को स्नानतक नहीं माना गया। जिसके बाद मामला हाई कोर्ट चला गया। वही दूसरा मामला शारीरिक शिक्षक ो की योग्यता को लेकर है अभी भी मामला उच्च न्यालय में चल रहा है। 

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